Sunday, 24 June 2018

राजस्थान के प्राचीन ग्रन्थ व उनके नाम||राजस्थान सामन्य ज्ञान 2018||



पृथ्वीराज विजय :     जयानक भट्ट (सपालदक्ष व अजमेर के चौहानों का इतिहास)

हम्मीर महाकाव्य :     नयनचन्द्र सूरी (रणथम्भौर के चौहानों का इतिहस व अलाउद्दीन खिलजी की रणथम्भौर विजय)

राजवल्लभ :     मण्डन (स्थापत्य कला व मेवाड़ की जानकारी)

राजविनोद :     भट्ट सदाशिव (मेवाड़ के गुहिलों व 16 वीं सदी के राजस्थान के समाज की जानकारी)

एकलिंगमाहात्म्य :     कान्ह व्यास (मेवाड़ के गुहिलों का इतिहास)

कर्मचंद वांशोत्कीर्तन काव्यम :     जयसोम (बीकानेर के राठौड़ों का इतिहास व बीकानेर दुर्ग के निर्माण की सुचना)

अमरसार :     पं. जीवाधर (राणा परताप व अमरसिंह सिसौदिया का इतिहास)

अमरकाव्य वंशावली :     रणछोड़ भट्ट (मेवाड़ के गुहिलों का विशेषकर महाराणा राजसिंह सिसोदिया की गाथा)

राज रत्नाकर :     सदाशिव (महाराणा राजसिंह सिसोदिया व् दरबारी झांकी के बारे में विस्तृत जानकारी )

अजितोदय :     भट्ट जगजीवन (जोधपुर के राठोड़ों का व विशेषकर जसवंतसिंह व अजीतसिंह राठोड का मुगलों के साथ संबंध) 

भट्टी काव्य :     भट्टी (15 वीं सदी के जैसलमेर की राजनितिक व सामाजिक स्थिति पर महत्वपूर्ण प्रकाश डाला गया है)

खुम्माण रासो :     दलपत विजयी (पिंगल भाषा में मेवाड़ का इतिहास)

सगत रासो :     गिरधर आसियां (डिंगल भाषा में राणा परताप के छोटे भाई शक्ति सिंह का वर्णन व डॉ कृशनचंद्र क्षोत्रिय द्वारा सम्पादित)

हम्मीर रासो :     जोधराज (रणथम्भौर के हम्मीर देव चौहान व अलाउद्दीन खिलजी के युद्ध के बारे में)

जसवंत रासो :     मुरारीदान (मारवाड़ के राठोड़ों का विशेषकर जसवंतसिंह राठोड का इतिहास)

विजयपाल रासो :     नल्ल सिंह (पिंगल भाषा में करोली के यादव वंश व विजयपाल का वर्णन)

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